“चुनाव या IPL?” राहुल बोले- महाराष्ट्र में ‘मैच फिक्सिंग’ से जीती बीजेपी!

राघवेन्द्र मिश्रा
राघवेन्द्र मिश्रा

कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी पर “मैच फिक्सिंग” का सनसनीखेज आरोप लगाया है।

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उन्होंने एक अखबार में लिखे लेख में सीधे-सीधे कहा, “यह जीत नहीं, एक पूर्व-निर्धारित स्क्रिप्ट थी। और इसमें रोल बंट चुके थे – चुनाव आयोग, वोटर लिस्ट, और आखिरी सीन में वोटिंग मशीनें।”

राहुल के अनुसार, बीजेपी ने महाराष्ट्र में 288 में से 235 सीटों पर कब्जा कर लिया, और ये सब हुआ एक पांच स्टेप के प्लान के तहत।

राहुल गांधी की ‘पांच प्वाइंट्स प्लान’ वाली थ्योरी

  1. चुनाव आयोग में ‘अपने लोग’ बैठा दिए गए।

  2. वोटर लिस्ट में ‘अद्भुत’ नाम जोड़े गए, जैसे Netflix की सीरीज में अचानक नया किरदार।

  3. वोटिंग टर्नआउट को जबरन हाई बना दिया गया।

  4. बीजेपी के इलाकों में फर्जी वोट डलवाए गए।

  5. और फिर, सबूतों को ऐसे छुपा दिया जैसे WhatsApp चैट को क्लियर करते हैं।

“CJI हटाकर मंत्री बैठाया, क्यों?”

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर भी सवाल उठाए कि चुनाव आयोग की चयन प्रक्रिया में बदलाव करके सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को हटाकर एक केंद्रीय मंत्री को क्यों बैठा दिया गया?

उनका सवाल सीधा था – “कोई निष्पक्ष अधिकारी को क्यों हटाएगा? जवाब खुद सवाल में छिपा है।”

वोटर लिस्ट में बूम! पर राहुल को शक

राहुल गांधी ने कहा कि 2019 में महाराष्ट्र में वोटरों की संख्या थी 8.98 करोड़, जो 2024 में बढ़कर 9.29 करोड़ हुई — ये तो ठीक है।
लेकिन फिर सिर्फ 5 महीने में 9.70 करोड़? यानी लगभग 41 लाख नए वोटर रातों-रात जुड़ गए!

“सब कुछ क्लीन था, राहुल को नजर का चश्मा चाहिए”

बीजेपी प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने कहा कि “राहुल गांधी को बार-बार लोकतांत्रिक संस्थाओं को बदनाम करने की आदत हो गई है।”
वहीं चुनाव आयोग ने कहा कि वोटर रजिस्ट्रेशन को लेकर बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया था।

“नई पीढ़ी वोटर बनी है, राहुल जी। ग़लत जगह फिक्सिंग ढूंढ रहे हैं।” – बीजेपी का जवाब।

राहुल बनाम बीजेपी — अगला एपिसोड जल्द?

राहुल गांधी के ये आरोप एक बार फिर देश की चुनाव प्रक्रिया और संस्थाओं को लेकर नई बहस को जन्म दे रहे हैं। क्या राहुल के आरोपों की जांच होगी? या ये सिर्फ एक और राजनीतिक ‘गूंज’ बनकर रह जाएगा?

फिलहाल तो दोनों दलों में मैच फिक्सिंग बनाम फुल फेयर प्ले की बहस जोरों पर है।

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